The best Side of Shodashi
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
Goddess is popularly depicted as sitting down about the petals of lotus which is kept on the horizontal overall body of Lord Shiva.
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
During the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered like a pivotal deity in guiding devotees in direction of Moksha, the ultimate liberation in the cycle of delivery and Demise.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
Ignoring all caution, she went to your ceremony and found her father had begun the ceremony devoid of her.
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न click here कर सकते है।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥